poetry by kavi chavi

Monday, June 20, 2011

कौन कहेगा ...कौन कहेगा ...कौन कहेगा ....

डाल से टूटे पत्तो की पीड़ा को कौन कहेगा
तिल-तिल कर जलते दीपक के दर्द को कौन सहेगा

कौन लिखेगा बिन बरसे बादल है क्यूँ खो जाते
कौन लिखेगा भ्रमर हैं गीत कौन सा गाते

कौन लिखेगा नारी के अंतस के ध्वंद समर को
कौन लिखेगा परिवर्तन कारी युग संस्कृतियों के रण को

कौन लिखेगा अडिग मौन धारी श्रृष्टि की पीड़ा
कौन लिखेगा मान सरोवर में हंसो की क्रीडा

कौन लिखेगा खग समूह के वायु पथ का कलरव
कौन लिखेगा दर्पण के सम्मुख नव-वधु का अनुभव

कौन लिखेगा मानवता के प्रतिक्षण ह़ास का कारण
कौन लिखेगा न्याय ने किया क्यूँ मौन व्रत धारण

कौन लिखेगा वर्तमान के रक्त सने अध्याय
कौन लिखेगा ध्वज अधर्म के क्यूँ चहु दिशी लहराये

जो यह सब लिख देगा वह सच्चे अर्थो में कवि है
दूर तिमिर को करने हेतु नव प्रभात ,नव रवि है"

                                                                                    १७/०६/२०००