poetry by kavi chavi

Saturday, June 8, 2013

holi

आज होली है
"मन मैं कुछ पीड़ा है ....और दिमाग में गुस्सा .....बहुत गुस्सा .....

"मै जानता  हूँ कि  एक दिन निज़ाम बदलेगा
ये ज़मीं बदलेगी वो आसमान बदलेगा
 हवा बदलेगी और बदलेंगे मौसमी तेवर
 वक़्त की बज़्म में हर खास-ओ-आम बदलेगा "

........सम्मानित मित्रों इशारा समझिये ...."उन्वान "के पश्चात् विस्तार से मिलता हूँ।।।।।।।।।।।।सविनय।।।।।।