वो मेरा दोस्त है या दुश्मन है
साथ है मेरे ,यही क्या कम है
क्या कहें किससे कहें कैसे कहें
एक दिल और हज़ारों गम हैं
सर्द रिश्तों में गर्मियों की झूठी तस्वीरे
अजीब दौर का कितना अजीब मौसम है
हर तरफ धुंध है गफ़लत है ,तंग गलियां है
ये नई शक्ल
साथ है मेरे ,यही क्या कम है
क्या कहें किससे कहें कैसे कहें
एक दिल और हज़ारों गम हैं
सर्द रिश्तों में गर्मियों की झूठी तस्वीरे
अजीब दौर का कितना अजीब मौसम है
हर तरफ धुंध है गफ़लत है ,तंग गलियां है
ये नई शक्ल