"आदरणीय सिया जी ...आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना के साथ ही .....जन्मदिवस की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनायें ...आप स्वस्थ रहें ...प्रसन्न रहें .....वो झील ,वो झरने ,पहाड़ी .वो खामोश तन्हाईयाँ .....वो कुछ कह कर ,बहुत कुछ कह जाने वाली गहन संवेदनात्मक अभिव्यक्तियाँ ....आपकी कलम के चल पड़ने की प्रतीक्षा में हैं ....हम सब आपको पूर्व की भांति गुनगुनाते -मुस्कुराते देखना चाहते हैं .......ह्रदय की पूर्ण श्रद्धा से पुनः बहुत-बहुत बधाई ....शुभकामनायें .....सादर ....."
Saturday, January 19, 2013
आदरणीय शुक्ल जी .....ये आपके मौलिक चिंतन /शैली विशेष पर पूर्ण अधिकार का ही कमाल है .....मैं बिना आपकी तस्वीर देखे /नाम पढ़े इस अनूठी रचना को पढ़ गया .....असीमित आनंद के साथ ही मात्र चार पंक्तियाँ पढ़ते ही दिमाग में आपका चेहरा और नाम कौंध उठा ...." अरे, यह तो हमारे शुक्ल जी का ही सृजन हो सकता है ....मन बोल उठा "........काव्य की इस विद्या में आपका जो नियंत्रण है ....वह माँ वीणा-वादिनी की ओर से आपको निमंत्रण है ...आप एक बहुत लम्बी यात्रा के पथिक है ...थके नहीं ....रुके नहीं ....ह्रदय से शुभकामनाएं ....सादर .....
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