poetry by kavi chavi

Thursday, January 10, 2013

"निःसंदेह आपकी पीड़ा ...आपका आक्रोश पूरी तरह जायज है ...इस तरह के राष्ट्र विरोधी ,समाज विरोधी,मानवता विरोधी ....राष्ट्र विरोधी तत्वों के विरुद्ध ...किसी एक व्यक्ति ,किसी समुदाय का ही ... नहीं सम्पूर्ण भारतीय नागरिकों का कर्तव्य है उठ खड़े हों ...इस  की शैतानी ताकतों को पनपने से पहले उखाड़ने की जरुरत है ..इनकी जड़ों में मट्ठा डालना ही होगा ....सबको मिल कर एक  स्वर में कहना होगा ...."तुम्हारे जैसे जाहिल ,मानवता के शत्रुओं ,राष्ट्र विरोधियों के लिए कोई जगह नहीं है हमारी धरती पर ....हमारे दिलो में ......." और जो सियासी हुक्मरान इस तरह के लोगो के पीछे खड़े होते हैं ...उन्हें भी पहचान कर ....उनके खिलाफ भी जनमत को जागृत करने की आवश्यकता है ......तभी देश स्वच्छ रहेगा ...समाज सुरक्षित ......"

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